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एचपीवी वैक्सीन - इतनी जरूरी क्यों है
एचपीवी वैक्सीन - इतनी जरूरी क्यों है
09-02-2023

एच पी वी - ह्युमन पेपीलोमा वायरस, शरीर के अलग अलग अंगों पर असर डाल सकता है। यह वायरस यौन सम्पर्क करने से फैलता है। इस वायरस के कुछ प्रकार हानिकारक नहीं हैं और उनका इलाज किया जा सकता है। लेकिन कुछ प्रकार बहुत जोखिम वाले हैं और उनके संक्रमण से कैंसर भी हो सकता है। आम तौर पर यह वायरस व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता के अनुसार दवाईयों की सहायता से खत्म किया जा सकता है। लेकिन कुछ मामलों में वायरस का कुछ हिस्सा शरीर में रह जाता है और सामान्य कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदलता रहता है। ऐसे में कैंसर के लक्षण दिखाई देने में वर्षों लग जाते हैं और एच पी वी वायरस से संक्रमण होने पर कैंसर हो रहा है या नहीं, यह पता लगाने का अब तक कोई तरीका नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यू एच ओ) के अनुसार एच पी वी वायरस के कारण होने वाला सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं को होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है। लेकिन वास्तविकता यह है कि यह वायरस पुरुषों और आम तौर पर सेक्स करने वाले किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। इसीलिए एच पी वी वायरस का टीका लगवाना बहुत जरूरी है। भारत में दो ऐसे टीके उपलब्ध हैं जिन्हें विश्वस्तर पर लायसेंस प्राप्त है। लेकिन ये दोनो ही टीके गार्डासिल और सेर्वारिक्स बहुत महंगे हैं। भारत में बनाए जा रहा एच पी वी वायरस का टीका सेर्वावैक किफायती कीमतों पर मिलेगा और इससे कई जानें बचाई जा सकेंगी। भारत में हर साल एच पी वी वायरस के लगभग 1.23 लाख मामले सामने आते हैं और इस से तकरीबन 67000 मौतें होती हैं।1 भारत में यह टीका वर्ष 2022 के अंत तक बाजार में आ जाएगा। एच पी वी का टीका महत्वपूर्ण क्यों है? यह टीका व्यक्ति को 90 प्रतिशत तक सुरक्षित कर सकता है। यह पुरुषों और महिलाओं को सिर, गर्दन और गुदा के कैंसर से बचाता है। यह टीका महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर और पुरुषों और महिलाओं दोनो को ही जननांगों के कैंसर से बचाता है। यह टीका बच्चों को भी दिया जा सकता है। और 9 वर्ष की उम्र से लेकर 45 वर्ष की आयु वाले वयस्कों को दिया जा सकता है। 11 से 12 वर्ष की उम्र में दिये जाने पर इसका बहुत अच्छा असर होता है। किसी के भी एच पी वी वायरस के सम्पर्क आने से पहले यह टीका दिया जाना बहुत महत्वपूर्ण है। पुरुषों में एच पी वी संबंधी कैंसर के शुरूआती लक्षणों की पहचान के लिए कोई जांच नहीं है इसीलिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। महिलाओं में एच पी वी जांच से सर्वाइकल कैंसर के शुरूआती लक्षण पता लगाए जा सकते हैं। टीके की मदद से सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है और इसका ठीक से इलाज भी किया जा सकता है। एच पी वी टीके से संबंधित तथ्य • इस संबंध में शोध से यह पता चला है कि कम उम्र में एच पी वी लेने का समय से पहले यौन करने से कोई संबंध नहीं है।2 • हां, यह जरूरी है कि वायरस के सम्पर्क में से पहले यह टीका लगाया जाए, एक बार संक्रमण का पता लग जाने पर यह टीका उतना असरदार नहीं रहता।3 • हां, यह टीका काफी अच्छा काम करता जब यह बड़ी उम्र की तुलना में कम उम्र में लगवा लिया जाए। • वायरस के संक्रमण की पहचान का मतलब यह नहीं है कि आपको कैंसर भी होगा ही। आगे की जांचें, निदान और उसके आगे की जांचें भी बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण हैं। • उम्र के साथ साथ एच पी वी कैंसर होने की संभावना बढ़ती जाती है।4 • टीकाकरण से न तो आप वायरस के सम्पर्क में आते हैं और न ही आपको कैंसर होता है। यह एक झूठी मान्यता है। • आपकी यौन रूप से झुकाव किसी भी तरह का हो आपको यह टीका लगवा लेना चाहिए, यह वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है। • ट्रांसजेंडर भी एच पी वी से संक्रमित हो सकते हैं, इसीलिए उनके लिए भी यह टीकाकरण जरूरी है।5 • एच पी वी टीके की खुराक क्या है? • सबसे अच्छा यह है कि टीकाकरण से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें। सभी तरह के फायदे और नुकसान पर चर्चा करें इससे आपके संदेह दूर हो जाएंगे। • 11 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए दो बार की खुराक असरकारक होती है। • यह टीका 9 वर्ष की उम्र से दिया जा सकता है। • जो लोग 15 वर्ष या अधिक की उम्र में टीका लगवाते हैं उन्हें तीन टीके लगवाने होते हैं। • शोध से यह संकेत मिलते हैं कि 26 वर्ष की उम्र के पहले सभी को यह टीका लगाना चाहिए। • 27 से 45 वर्ष की उम्र के लोगों को टीक के असर को समझने के लिए अपने डॉॅक्टर से बात करनी चाहिए। • एच पी वी का टीका बाहं के उपरी हिस्से में लगाया जाता है। • हर एक खुराक के बीच छह महीने का अंतर होना जरूरी है। एच पी वी टीकाकरण के दुष्प्रभाव • एच पी वी टीकाकरण के कोई जोखिम नहीं हैं। यह पुरुषों या लड़कों के लिए भी उतना ही सुरक्षित है जितना महिलाओं या लड़कियों के लिए। • रिसर्च से पता चलता है कि जहां इंजेक्शन लगाया गया हो उस जगह पर आस पास दर्द, हल्के बुखार के लक्षण, नाक बहना या सिर दर्द जैसे मामूली असर दिखाई दे सकते हैं। जो भी लक्षण दिखाई दें, तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं। एच पी वी टीका किसे नहीं लगवाना चाहिए? • एच पी वी टीके में मौजूद किसी भी तत्व से एलर्जी होने पर। अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। • गर्भवती महिला • स्तनपान करवाने वाली माँ