पिछले एक दशक में कैंसर के ट्रीटमेंट में बहुत विकास हुआ है और CIMS में कैंसर विभाग में कैंसर के इलाज के बाद मरीज की केयर की जाती है जिससे मरीज अपना जीवन पूरा और काम करते हुए जी सके। अगर आप भोपाल में कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए सबसे अच्छे डॉक्टर की तलाश में हैं तो आपको CIMS जरूर आना चाहिए। कैंसर की केयर में कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, दवाएं और इम्यूनोथेरेपी की भूमिका भी कैंसर के मरीजों को बड़े स्तर पर ठीक होने में मदद करती है।
आपके कैंसर का इलाज होने बाद चाहे उसके लक्षण कम हो जाए, लेकिन फिर भी ऑन्कोलॉजिस्ट (कैंसर का डॉक्टर) के पास आपको जाना ही पड़ेगा। क्योंकि कैंसर का उपचार होने के बाद इसका फॉलो-अप करना बहुत जरूरी है। कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और दवाएं आपके शरीर पर अपना प्रभाव डालती है। कैंसर डायग्नोस होने के बाद आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ता है, जिसे ठीक करने की आवश्यकता होती है, तो आपको लगातार चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको कौनसा कैंसर हुआ है, चाहे ब्रेस्ट कैंसर हो, सर्वाइकल कैंसर या फिर ओरल कैंसर हो, आपको इसका फॉलो-अप करना जरूरी है।
कैंसर का इलाज होने के बाद भी इसके फिर से होने का डर हमेशा रहता है। कभी-कभार कुछ कैंसर कोशिकाओं का पता नहीं चलता है और ये इलाज में भी खत्म नहीं हो पाती, ऐसे में ये कोशिकाएं फिर से बढ़ जाती है और एक बार फिर से आपको कैंसर का खतरा हो जाता है। नियमित बॉडी चेक-अप्स, स्कैनिंग और ब्लड टेस्ट करवाने से आपको फिर से होने वाले कैंसर का पता चल सकता है और समय पर आपका इलाज किया जा सकता है।
CIMS भोपाल में आपकी कैंसर के इलाज के बाद भी देखभाल की जाती है। आपको यहां HRCT चेस्ट स्कैन भी बहुत कम खर्च में मिल जाता है।
फॉलो-अप के दौरान डॉक्टर आपको यह भी बताएंगे कि आप कैंसर को फिर से होने से कैसे रोक सकते हैं?
हमें यह पता होना चाहिए कि कैंसर के इलाज के दौरान कई साइड-इफेक्ट्स होते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कई बार ये साइड-इफेक्ट्स ट्रीटमेंट खत्म होने के एक साल बाद भी दिखाई देते हैं। नियमित फॉलो-अप से आप कैंसर के ट्रीटमेंट के लंबे समय तक होने वाले साइड-इफेक्ट्स को कर सकते हैं। इससे आपको अपना सामान्य जीवन जीने में भी मदद मिलेगी।
फॉलो-अप केयर में ये बातें शामिल है
और भी कई अन्य फॉलो-अप्स केयर जो आपको यह बताती है कि आप हैल्दी और अच्छा जीवन जी रहे हैं।
यह भी सुनिश्चित करें कि जो भी ट्रीटमेंट, पैथोलॉजी रिपोर्ट आदि की फाइल बनाएं जिसमें आपकी दवाओं की पर्ची भी शामिल है। यह कैंसर के प्रभावी इलाज में आपकी मदद करती है।
आप कैंसर के इलाज के महीनों या सालों बाद भी सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, पेट की दिक्कत, मितली आना और थकान जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। कई बार मरीजों को यह भी पता नहीं चलता कि ये सारे लक्षण कैंसर के इलाज का रिजल्ट है।
यह सुनिश्चित करें कि आप अपने डॉक्टर से नियमित रूप से मिले और अपने सारे डाउट्स क्लियर करें।
फॉलो-अप ट्रीटमेंट में ये इलाज भी शामिल है
सही तरीके और जीवन शैली में थोड़ा बदलाव कर आप फिर से होने वाले कैंसर को रोक सकते हैं।
आपके कैंसर के इलाज की इस यात्रा में एक डॉक्टर आपका साथी होता है। आप अपनी चिंता, भावना और शंकाओं पर डॉक्टर से खुलकर बात करें। फॉलो-अप अपॉइंटमेंट के बारे में बात करें और एक प्लान बनाएं। इससे आप अच्छा महसूस करेंगे और आपको फिर से एक्टिव होने में मदद मिलेगी।
अपने डॉक्टर से पूछें-