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आपके पेट का स्वास्थ्य कैंसर की रिकवरी से कैंसे जुड़ा है!

आपकी सेहत आपके पेट (आंत) से है। यह बात आपने कई बार सुनी होगी। कैंसर के इलाज से ठीक होने का एक कारण आपका पेट यानी आंते होती है। अधिकतर डॉक्टर्स का कहना है कि कैंसर जैसी बीमारी को रोकने में आपके पेट का बहुत बड़ा योगदान है। तो चलिए आपके पेट और आंतों के बारे में विस्तृत रूप से जानें।
पेट(आंत) क्या है? आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में आपका मुंह (गला), भोजननली, पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय, गुदा, लार ग्रंथी, लिवर, गॉल ब्लैडर और पेनक्रियाज शामिल है जो पाचन रस और एंजाइम बनाते हैं।
माइक्रोबायोम, पेट या आंत में रहने वाले जीव जिन्हें बैक्टीरिया के रूप में भी जाना जाता है। कैंसर सहित कई बीमारियों से निपटने के लिए हमें अच्छे बैक्टीरिया की जरूरत होती है। इन बैक्टीरियाज की असंतुलितता से कैंसर की कोशिकाएं बढ़ने लगती है जो धीरे-धीरे ट्यूमर का रूप ले लेती है। स्वस्थ और विभिन्न माइक्रोबायोम से कैंसर के मरीजों में अधिक प्रभावी इम्यूनोथेरेपी और डॉक्टर्स द्वारा दी गई दवा और कीमोथेरेपी के साइटइफेक्ट को कम कर देती है। स्वस्थ आंतें अस्थि-मज्जा और स्टेम सेल थेरेपी को अधिक प्रभावी बनाने में सक्षम बनाती है।

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कैंसर को रोकने या उसके ट्रीटमेंट को बेहतर बनाने के 5 तरीके!

आप हर रोज जो खाना खा रहे हैं उसका रिकॉर्ड रखें। फिर जो प्रोसेस्ड फूड है जैसे फ्रोजन फूड आइटम्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चिप्स और आइसक्रीम को अपनी लिस्ट में से हटा दें। जैसे ही आप प्रोसेस्ड आइटम्स हटा देंगे तो प्राकृतिक फूड, हाई फाइबर फूड आइटम आपकी भोजन लिस्ट में जुड़ जाएंगे। उदाहरण के लिए बर्गर की जगह ताजा फल लें, आइसक्रीम की जगह चिया सीड्स के साथ नेचुरल स्मूदी, कोल्ड ड्रिंक की जगह नींबू पानी या नारियल पानी लें। इस प्रकार आप अपने खाने में फाइबर फूड को शामिल कर सकते हैं जो आपकी सेहत के लिए बहुत आवश्यक है। जब आप अपने भोजन में फाइबर फूड बढ़ाते हैं तो पर्याप्त मात्रा में पानी लेना ना भूलें। पानी से ही रेशेदार भोजन ठीक से पचता है और हमारे शरीर से जहरीले पदार्थों को पेशाब के जरिए बाहेर निकालता है।

अपने खाने में से आर्टिफिशियल शुगर्स को धीरे-धीरे हटा दें। हाई शुगर डाइट आंत में हानिकारण जीवाणुओं को बढ़ाती है। हमारे शरीर की हर कोशिका को बढ़ने के लिए ऊर्जा को आवश्यकता होती है जो कि ग्लूकोज से मिलती है। जब आप डाइट में ज़्यादा चीनी या शुगर लेते हैं तो कैंसर कोशिकाएं भी इस ग्लूकोज का इस्तेमाल कर खूब बढ़ती है। इसलिएस फलों और नट्स का सेवन करें। बेकरी प्रोडक्ट्स, केंडीज, डेजर्ट्स और सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।

वह भोजन लें, जिनमें अच्छे बैक्टीरिया पाये जाते हैं। जैसे खमीरयुक्त खाना, घर में बना दही, सॉवरक्रॉट(बारीक कटी हुई खट्टी गोभी), एप्पल साइडर विनेगर और कोम्बुचा को भोजन में शामिल करना चाहिए। कम मात्रा में खमीरयुक्त खाना जैसे इडली और डोसा भी भोजन में शामिल करना चाहिए। केले आंत के संतुलन के लिए अच्छे हैं और एंटीबायोटिक्स के साइटइफेक्ट को कम करने में मदद करते हैं। रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसे कैंसर के ट्रीटमेंट से हमारी आंत में गुड बैक्टीरिया का सन्तुलन बिगड़ जाता है। कीमोथेरेपी के बाद कई मरीजों को डायरिया हो जाता है। अपनी डाइट में इन आंतों का विशेष खयाल रखने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल कर आप फिर से बेहतर जिंदगी जी सकते हैं।

अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज और गहरी सांस लेना शुरू करें। यह आपके पेट के लिए बहुत अच्छा है। वैज्ञानिकों ने यह नोटिस किया है कि सप्ताह में पांच बार 45 मिनट तक हल्के से मध्यम प्रकार के व्यायाम करें, जिससे आंतें मजबूत बनती है। इससे विशेषकर पेट के कैंसर की संभावना बहुत कम हो जाती है। व्यायाम से आपके पेट की सफाई ठीक से होती है और कब्ज, सूजन और गैस बनने जैसे प्रभावों को कम करता है जो आंत के खराब होने के संकेत होते हैं।

ठीक और अच्छी आंतें आपको शांति प्रदान करती है। इससे आपको पैनिक अटैक, तनाव और चिंता से निपटने में भी मदद मिलती है। पुराने तनाव से आपके शरीर में कई रोग उत्पन्न होते हैं और कैंसर जैसी बीमारी तेजी से फैलती है। जब आपका शरीर तनाव से लड़ता है तो नोरएपिनेफ्रीन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का रिसाव होता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने और ट्यूमर बनने में मदद करता है। आपकी आंतें और तनाव आपस में जुड़े होते हैं। गुड गट माइक्रोबायोम वेगस नर्व के साथ संचार करता है और तनाव से निपटने के लिए न्यूरोट्रांसमीटर रीलीज करते हैं। इसलिए पेट की बेहतर सेहत को बनाए रखने के लिए सही खाना और व्यायाम बहुत आवश्यक है।