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कैंसर के प्रकार

हड्डी और सॉफ्ट टिश्यू का कैंसर

यह एक प्रकार का कैंसर है जो वसा, मांसपेशियों, नसों, फाइबर टिश्यू, रक्त वाहिकाओं और स्किन के भीतरी ऊतकों में सॉफ्ट टिश्यूओं से विकसित होता है। ये शरीर के किसी भी हिस्से में मिल सकते हैं। एक जगह पर लगातार दर्द, सूजन, जकड़न, मल और उल्टी में खून आना और लगातार बुखार रहना आदि इनके प्रमुख लक्षण है।

स्तन कैंसर

यह एक प्रकार का कैंसर है जो स्तन में शुरू होता है। यह ज़्यादातर महिलाओं को प्रभावित करता है और कभी-कभी यह पुरुषों में भी पाया जाता है। यह सेल्स(कोशिकाओं) की असामान्य वृद्ध से होता है। ब्रेस्ट निप्पल से खून आना और ब्रेस्ट में गांठ होना, स्तन के आकार में परिवर्तन और स्तन में दर्द होने पर इसकी पहचान की जा सकती है। करियर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस भापोल का सबसे बेस्ट कैंसर अस्पताल है। यहां स्तन कैंसर के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट और सर्जन है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर

यह कैंसर विभाग का एक हिस्सा है जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मैलिग्नेंसी (पेट या आमाशय का कैंसर), लीवर के कैंसर, बाइल डक्ट (पित्त वाहिका) का कैंसर, गॉल ब्लैडर, पैंक्रियाज, छोटी या बड़ी आंत, पेट का कैंसर, एसोफैगस(भोजननली) कैंसर सहित कई दुर्लभ ट्यूमर का इलाज गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के तहत किया जाता है। खाना नहीं पचना, पेट में दर्द, पेट का फूलना, मितली आना, भूख नहीं लगना और सीने में जलन जैसे इसके लक्षण है।

स्त्री रोग का कैंसर

महिलाओं के प्रजनन अंगों के कैंसर पर चिकित्सा का एक पूरा क्षेत्र केंद्रित है। ओवेरियन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, योनि का कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और वुल्वर का कैंसर शामिल है। पैल्विक पैन और दबाव, योनि में खुजली या जलन, योनि की स्किन में चकत्ते, घाव, मस्से या अल्सर, पेशाब में बढ़ोत्तरी, कब्ज, दस्त, सूजन, योनि से असामान्य रक्तस्त्राव, योनि में दर्द, पेट और पीठ में जलन जैसे इसके लक्षण है।

न्यूरो कैंसर

यह विभाग दिमाग और रीढ़ की हड्डी के नियोप्लाज्म के कैंसर से जुड़ा है जो कि कैंसर का सबसे मुश्किल है। यह मुख्य रूप से ब्रेन ट्यूमर और तंत्रिका तंत्र का ट्यूमर है। इसके साथ ही इसमें कई अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का इलाज होता है। सिरदर्द, कभी-कभी मितली या उल्टी, चक्कर आना, दिखाई देने दिक्कत आना और हाथ-पैरों में सूनापन जैसे कई इसके लक्षण है।

पीडियाट्रिक कैंसर

बच्चों में होने वाले विभिन्न कैंसर के इलाज के लिए यह विभाग काम करता है। CIMS भोपाल का सबसे अच्चा पीडियाट्रिक अस्पताल है। बच्चों में कैंसर सामान्य नहीं है लेकिन जब यह डायग्नोस होता है तो परिवार में काफी दिक्कत आ जाती है। पीडियाट्रिक्स में बच्चों के कैंसर के साथ आने वाले मानसिक ट्रॉमा से निपटने के लिए तैयार होते हैं। ल्यूकेमिया, हड्डी के कैंसर, विल्म्स ट्यूमर (नेफ्रोबलास्टोमा), मस्तिष्क और रीढ़ के ट्यूमर जैसे कैंसर बच्चों में होने वाले सामान्य कैंसर है। समय पर, सही विशेषज्ञ डॉक्टर के परामर्श से अधिकांश बच्चें ठीक हो जाते हैं और बेहतर जीवन जीते हैं।

थोरैसिक कैंसर

छाती में होने वाले संक्रमण से होने वाले सभी प्रकार के कैंसर जैसे फेफड़े का कैंसर, थाइमिक कैंसर, ट्रैकिअल(श्वसन नली) कैंसर है। फेफड़े का कैंसर थोरैसिक कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार है। सीने में घरघराहट, सांस की तकलीफ, लगातार खांसी, भूख और वजन का कम होना और खांसी में खून आना आदि इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल है।

पेशाब (यूरो) का कैंसर

यूरोलॉजी महिला और पुरुषों के पेशाब मार्ग से संबंधिक कैंसर का इलाज करता है। इसमें पुरुषों के प्रजनन प्रणाली के कैंसर का इलाज किया जाता है। पेशाब में दर्द या खून आना, वीर्य, पेल्विक प्रॉब्लम्स, हड्डियों में दर्द और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) जैसे इलके लक्षण है।

थायराइड कैंसर

गर्दन के आस-पास थायराइड ग्रंथि में असामान्य सेल्स(कोशिकाओं) का बढ़ना आपको थायराइड कैंसर की तरफ ले जाता है। थायराइड कैंसर की शुरूआत में आपको ज़्यादा लक्षण दिखाई नहीं देते हैं लेकिन बाद में गर्दन में सूजन, खाना या पानी पीने में दिक्कत और आवाज में बदलाव जैसे लक्षण दिखते हैं।

स्किन कैंसर

त्वचा (स्किन) की कोशिकाओं की असामान्य बढ़ोत्तरी से स्किन कैंसर होता है। यह ज़्यादातर सूरज की रोशनी में लंबें समय तक रहने से होता है। हालांकि कुछ मामलों में यह बिना सूर्य की रोशनी में नहीं जाने पर भी होता है। आपकी स्किन में रंग में बदलाव या कोई परिवर्तन दिखता है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। शरीर पर चकत्ते, असामान्य बढ़ोत्तरी, तिल या मस्से हैं तो यह सामान्य नहीं हो सकते हैं। एक कैंसर विशेषज्ञ आपको इन सब समस्याओं से निजात दिला सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर

प्रोस्टेट ग्रंथि सिर्फ पुरुषों में ही पाई जाती है। यह वह तरल उत्पन्न करती जो वीर्य का निर्माण करता है। जब इन कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है तो यह कैंसर का रूप ले लेता है। पेशाब आने में दिक्कत होना, पेशाब के दौरान जलन या दर्द, मूत्र या वीर्य में रक्त आना, पीठ, कूल्हों या पेल्विस दर्द होना जैसे इसके लक्षण है।

लिंफोमा का कैंसर

जब शरीर की इम्यून (प्रतिरक्षा) प्रणाली संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाओं के माध्यम से संक्रमण से लड़ती है तो इन कोशिकाओं की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाती है ऐसी स्थिति को ही लिम्फोमा कहा जाता है। इस कैंसर का इलाज आसानी से किया जा सकता है और यह इस पर निर्भर करता है कि मरीज कैंसर की किस स्टेज में है। लिम्फ नोड्स में सूजन, थकान, बुखार, खांसी और लगातार वजन का कम होना इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल है।

मायलोमा (अस्थि-मज्जा) कैंसर

मायलोमा (अस्थि-मज्जा) एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिका या प्लाजमा को कहा जाता है। मायलोमा में प्लाज्मा कोशिकाओं का एक ग्रुप बन जाता है जो कैंसर का रूप ले लेता है और लगातार कई गुणा बढ़ता जाता है। यह रोग हड्डियों, इम्यून सिस्टम, गुर्द और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके प्रमुख लक्षण है हड्डियों में दर्द, थकान और बार-बार होने वाले संक्रमण।

कोलोरेक्टल (कोलन या रेक्टम) का कैंसर

कोलन या रेक्टम पाचन नली का आखिरी हिस्सा होता है। इसमें होने वाले कैंसर को ही कोलोरेक्टर कैंसर कहा जाता है। यह आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को होता है। मलाशय और पेट में दर्द, मल में खून आना, अचानक वजन गिरना जैसे कोलन कैंसर के लक्षण है। यह कैंसर आमतौर पर हाइफैट और कम फाइबर वाले आहार लेने से भी होता है।

किडनी का कैंसर

हमारे शरीर में दो गुर्दे होते हैं जिनका आकार सेम(राजमा)के बीज जैसा होता है। ये दोनों हमारे पेट में रीढ़ के दोनों तरफ पाये जाते हैं। किडनी पर असामान्य वृद्धि या मांस के जमाव से कैंसर हो सकता है। जाँच के बाद इन्हें बाहेर निकालने की आवश्यकता होती है। शुरू में इसके कोई लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन धीरे-धीरे पेशाब में लाल, गुलाबी या कोला रंग का खून आना, पीठ या बाजू में दर्द, भूख नहीं लगना, वजन घटना, थकान और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

लिवर (यकृत) का कैंसर

लिवर में कुछ कोशिकाएं तेजी से बढ़ती है और ट्यूमर का रूप ले लेती है जो कि भविष्य में कैंसर का कारण बनती है। कुछ मामले में लिवर में एक ट्यूमर विकसित होता है तो कुछ में लिवर में कई छोटे-छोटे नोड्यूल विकसित होते हैं। जब आप अचानक वजन में कमी, भूख नहीं लगना, पेट में दर्द, मिलती या उल्टी आने, कमजोरी, थकान, पेट में सूजन, स्किन का पीना होना, आँखों का सफेद होना, मल के रंग में बदलाव दिखाई दें तो तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लें।

ब्लैडर का कैंसर

जब ब्लैडर (मूत्राशय) में कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं तो वे एक ट्यूमर (गांठ) का रूप ले लेती है। ये कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाती है। यह कैंसर आमतौर पर व्यस्कों को प्रभावित करता है और इलाज के बाद यह फिर से हो सकता है। इसलिए मरीजों को इसके रूटिन फॉलो-अप की जरूरत होती है। बार-बार पेशाब करने की इच्छा, पेशाब के दौरान जलन और दर्द होना इसके प्रमुख लक्षणों में से हैं।

मेसोथेलियोमा कैंसर

यह एक प्रकार का कैंसर है जिसमें शरीर के अंगों जैसे फेफड़ों, पेट, दिल की बाहरी सतहों पर कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि हो जाती है। यह सबसे ज़्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह कैंसर का सबसे भयावह रूप है। सांस की तकलीफ, सीने में दर्द इसके आम लक्षण है। अभ्रक (Mica) के सम्पर्क में आने वाले लोगों को यह जल्दी प्रभावित करता है।