शब्द ‘‘यौन संचारित’’ लोगों को टीका लगवाने से रोक रहा है (यौन संचारित मतलब सेक्स करने से फैलने वाला) भारत में हर 8 मिनट में सर्वाइकल कैंसर से एक महिला की मौत हो जाती है। सर्वाइकल कैंसर भारत में महिलाओं और पुरुषों दोनों को होने वाला तीसरा सबसे आम कैंसर है। 13 वर्ष से अधिक उम्र की लगभग 5 करोड़ 30 लाख महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का जोखिम है फिर भी टीकाकरण में हर वर्ष कोई बढ़ौतरी नहीं हो रही है। सर्वाइकल कैंसर एच पी वी - ह्युमन पेपिलोमावायरस के संक्रमण से होता है। यह वायरस केवल सेक्स करने से फैलता है। भारत जैसे देश में जहां सेक्स एक वर्जित विषय है, माता पिता के लिए यह बात मानना बहुत मुश्किल होता है कि उनके बच्चे शादी से पहले ही सेक्स करने लगते हैं। यह एक बड़ा कारण है कि 26 वर्ष से कम की आयु वाली आबादी के बड़े हिस्से का टीकाकरण अभी तक नहीं हुआ है। एच पी वी टीका 9 से 15 वर्ष की उम्र के बीच लगाए जाने पर सबसे ज्यादा असरदार होता है। इस वायरस और टीकाकरण को लेकर लोगों में बहुत सारी गलतफहमियां हैं। उन्हें लगता है कि टीकाकरण के बाद बच्चों में सेक्स को लेकर जिज्ञासा बढ़ेगी और वे सेक्स करने लगेंगे, जो कि बिल्कुल गलत है। कुछ लोगों का मानना है कि जो व्यक्ति केवल एक ही साथी के साथ सेक्स करता है उसे यह संक्रमण नहीं हो सकता, यह भी गलत धारणा है। यह वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है। इस टीकाकरण की सलाह 40 वर्ष की उम्र के बाद इसीलिए नहीं दी जाती क्योंकि शोध से यह संकेत मिलते हैं कि इस आयु के अधिकतर लोग पहले ही वायरस के सम्पर्क में आ चुके हैं और उनके शरीर में एंटीबॉडीज़ बन चुके हैं। वायरस के सम्पर्क में आने से कैंसर हो ही जाता हो ऐसा नहीं है। आम तौर पर जब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से लड़ती है तो दवाईयों की सहायता से वायरस को मारने में सफल हो जाती है। यह तभी होता है जब वायरस पूरी तरह से खत्म नहीं होता है और लक्षण चले जाने के बाद भी कुछ मात्रा में शरीर में बना रह जाता है। इससे वे कोशिकाएं बनती हैं जो गर्भाशय ग्रीवा के मुख, गले, गुदा, लिंग या योनि को असामान्य रूप से बढ़ा देती हैं, इन्हें पूर्व कैंसर कोशिकाएं कहा जाता है। इन कोशिकाओं को समय रहते खत्म न किया जाए तो वे कैंसर बनती रहती हैं। एच पी वी वायरस लड़को और लड़कियों, पुरुषों और महिलाओं दोनों को संक्रमित कर सकता है, इसीलिए लड़कों और लड़कियों दोनो को समान रूप से टीकाकरण किया जाना बहुत जरूरी है। भारतीय समाज का एक बड़ा हिस्सा इस वायरस और इसके प्रतिरोध के लिए टीकाकरण की जरूरत को लेकर जागरूक नहीं है। जब कि टीकाकरण से सर्वाइकल कैंसर को काफी हद तक रोका जा सकता है और इससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी लाई जा सकती है। अभी भारत में इस वायरस के तीन टीके मिलते हैं। Cervarix, Gardasil और सबसे आधुनिक Gardasil 9 सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पहले से ही अपना वैक्सीन Cervavac बना रहा है जिसे सरकार से मंजूरी मिल गई है और यह वर्ष के अंत तक बाजार में मिलने लगेगा। यह काफी कम कीमत पर मिलेगा और चिकित्सा बिरादरी को उम्मीद है कि यह एच पी वी वायरस से होने वाले कैंसर को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस समय की सबसे बड़ी जरूरत यह है कि लोगों में जागरूकता आए और वे इस बात को समझें कि शारीरिक संबंध इंसान के जीवन का ही एक पहलू हैं। इस बात को नज़रअंदाज करके या इसकी उपेक्षा करके हम युवा पीढ़ी के लिए कैंसर के जोखिम को और भी बढ़ा रहे हैं। 9 से 15 वर्ष की उम्र तक 6 माह के अंतर से दो खुराक और 15 से 26 की उम्र के बीच 6 माह के ही अंतर से 3 खुराक उन्हें कैंसर से बचा सकती हैं। स्कूल, कॉलेजों और सामुदायिक केन्द्रों को इस विषय में जागरूकता फैलाने और टीकाकरण शिविर आयोजित करने के काम को अपनी एक जिम्मेदारी समझना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर रोगियों को इस वायरस के विषय में जानकारी दें और टीकाकरण की सलाह दे तो देश इस प्रकार के कैंसर के मामलों में कमी आने की उम्मीद कर सकता है।